रांची, झारखण्ड । मार्च | 17, 2018 :: ज्योतिष शास्त्री स्वामी दिव्यानंद ( डॉ सुनील बर्मन ) के अनुसार ज्योतिष की नज़र में – 2075.
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विक्रम संवत २०७५ विरोधकृत नाम का संवत्सर के नाम से जाना जाएगा, यह इस वर्ष का राजा ग्रह राज सूर्य और मंत्री शनि देव होंगे, मलमास भी लगेगा, यानी ज्येष्ठ मास अधिक होगा,
नववर्ष का प्रथम सूर्योदय के समय की कुंडली के अनुसार – उत्तरभाद्र नक्षत्र का द्वितीय चरण, शनि की महादशा में शुक्र की अंतरदशा है, जो की वर्ष पर्यन्त रहेगा, इसके अंतर्गत राहु, गुरु एवं शनि की प्रत्यंतर रहेगी, मीन लग्न, और मीन राशि है, लग्न में ही चार
– चार ग्रह विराजमान हैं,
फलादेश – राज्य में मिला-जुला असर दृष्टिगोचर होगा, राजा और मंत्री सूर्य एवं शनि हैं, जो कि आपस में परस्पर शत्रुत्व भाव रखने वाले हैं, इसका तात्पर्य राज्य में भी नेतृत्व करता एवं मंत्रियों के बीच भी सामंजस्य में कमी प्रतीत होता दिखेगा, किन्तु लग्न – देव गुरु बृहस्पति का होना, और लग्न में राजा मित्र सूर्य, चन्द्रमा का विराजमान होना, नेतृत्व कर्ता को अत्यधिक शक्ति प्रदान कर रहे हैं, परिणाम स्वरूप मामला संतुलित होता जान पड़ेगा,
अन्य ग्रहों के बलाबल को देखते हुवे, ऐसा लगता है, राज्य में सुंदरीकरण के कार्य होंगे, नए ढंग एवं नक् तकनीक के साथ, ब्यापार बढ़ेगा, किन्तु कृषि छेत्र में चिंता हो सकती है, राष्ट्र विरोधी ताकतें परेशां करेगी, किसी प्रकार की प्राकृतिक बिपदा का भी सामना करना पड सकता है, संस्थानों को अग्नि शामक यंत्रों को दुरुस्त रखना चाहिए, स्त्री पक्ष को सावधान रहने की आवश्यकता है, सरकार की और से महिलाओं के लिए, कई लाभप्रद कदम भी उठाये जा सकते हैं, शेयर मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव की आशंका है, राज्य के पुलिस विभाग में आधुनिकी करण भी होगा, राष्ट्र स्तर में भी देखा जाय, तो सीमावर्ती छेत्रों में तनाव की स्थिति रहेगी, कुछ देशों से संधि, मैत्री एवं नए संबंध भी विकसित होंगे,
विपक्षी प्रबल रूप से हावी रहेंगे,
निष्कर्ष – मिला-जुला कर स्थिति की नियंत्रित रक्खा जा सकेगा, राज्य का नाम का राष्ट्रिय स्तर पर मान बढ़ेगा,